Page 112 - SREENARAYANAGURU OPEN UNIVERSITY
P. 112

4.1 ग गासमागमः ।

                   4.2  हमालयः ।

                   4.3 कलासः ।
                        ै
                   4.4 अलका ।


             ख डः  5.काद बर सं हः त  शू कराजधानी च ।


                   5.1 सं क ृ तग यप रचयः – बाणः- क ृ तयः- काद बर सं हः-   थकारः ।

                   5.2 शू कः-  दनचया - मात गक ु मार  वशः ।
                                                       े
                   5.3 मात गक ु माया ः राजदश नम ् ।
                   5.4 शू क य मात गक यादश नम ्  - वैश पायनः- आया पाठः ।


             ख डः 6. वैश पायन य कथाकथनम ्  ।


                                                                          े
                   6.1    शू क य  व मयः- त य  यायामभू मः– नानभू मः- दवगृहम ् -  वलपनभू मः- भोजनम ्  ।
                                                                                     े
                   6.2   शू क य आ थानम डपम ् - वैश पायनं   त   नः ।

                   6.3   वैश पायन य कथाकथनम ् -  व  याटवी ।


             आव यक  थाः Reference


            1.मघदूतम ्  (पूव मघः), का लदासः, क ृ  णदास ्  अकादमी, वाराणसी,1998.
               े
                            े
                                                               े
            2.काद बर सं हः(पूव भागः – प पा भधानं प मसरः इ यताव पय  तम ् ), आर्.  व. क ृ  णमाचाय ः ।
             सहायक  थाः


               1. A Short History of Sanskrit Literature, T.K. Ramachandra Iyer, R.S. Vadyar& Sons, Palakkad.

               2. महाक वका लदासः- डा. रामजी उपा याय, चौख बा स क ृ तसीर स ् , वाराणसी ।

               3. का लदाससव  वम ् - सुधांशुचतुव द  (मलयालम ् ) , डी.सी. बु स ् , को टयम ्  ।
                  4.  काद बर  – बाणभ टः।




            अ तजालसहायकसाम यः
               1. यू यूब्  उपयु य क याचालनम ्  ।
               2. गू गल ्  उपयु य क याचालनम ्  ।




















                                                           114
   107   108   109   110   111   112   113   114   115   116   117