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ख ड: 4. अ भ ानशाक ु तलम ् – का लदासः ( वतीयतृतीया कयोः स वशेषा ययनम् )
4. 1. पर पर णयावबोध:।
4. 2. तपोवनसंर ण न चयः।
4. 3. शक ु तला णयलखनम ् ।
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4. 4. रा ः णयपारव यम् ।
ख ड: 5. अ भ ानशाक ु तलम ् - का लदासः (चतुथा क य स वशेषा ययनम् ।)
5. 1. शापवृ ा तः।
5. 2. क व य तनया व लषदुःखम ् ।
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5. 3. सव रनु ायताम् ।
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5. 4. शक ु तलां त उपदशः।
ख ड: 6 अ भ ानशाक ु तलम ् – का लदासः (प चममा क य सामा या ययनम ् )।
6. 1. शक ु तलाया: राजधानी वश:।
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6. 2. रा ः नराकरणम ् ।
आव यक था: - REFERENCES
1. दश पकम ् – धन जयः। चौख बा सं क ृ तसीर स ् , वाराणसी ।
2. अ भ ानशाक ु तलम ् – का लदासः। - Pandurang Jawaji, Bombay.
सहायक था: -
1. A short History of Sanskrit literature, T.K Ramacandra Iyer, (R.S.Vadyar&Sons
Kalpathy)
2. महाक वका लदासः - डा. रामजी उपा याय, चौख बा सं क ृ तसीर स ् , वाराणसी ।
3. The traditional Sanskrit theatre of Kerala- Dr. C. Rajendran
4. भरतमुनः ना यशा म ् ।
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5. History of Sanskrit Poetics- P. V Kane
6. का लदाससव वम ् - सुधांशुचतुव द (मलयालम ् ) - डी. सी. बु स ् , को टयम ् ।
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